कहानी मोर्जुम लोयी ने अपने उपन्यास- मिनाम - से अपनी खास पहचान बनायी है। उन्होंने पूर्वोत्तर के स्त्री- संघर्षों की वास्तविकता को बडे फलक पर प्रस्तुत किया है। अभी वे अपने गाँव को केन्द्र में रखकर एक औपन्यासिक कृति पर काम कर रही हैं। उसी से एक मार्मिक अंश मीमांसा में दे रहे हैं। इसके जरिए आप मोर्जुम लोयी की संवेदनशील दृष्टि, समर्थ भाषा के साथ एक उद्वेलित करने वाले प्रसंग से रूबरू हो सकते हैं। बोनती/बोनी/भोनती ये सभी एक अर्थ का द्योतक है। अब बात आती है ये शब्द कहां से आया? या इसका अर्थ क्या है? ‘भोनती’ असमिया शब्द है जिसका अर्थ होता है छोटी बहन । चूंकि असम अरुणाचल पड़ोसी राज्य है तो यहां के कई शब्द अरुणाचल प्रदेश की बोलियों में सम्मिलित हो गए है और कई बार उच्चारण बदल जाता है और वैसे ही ‘भोनती’ शब्द अरुणाचल में ‘बोनती’ बन गई। असम की चाय के बागानों से आदिवासी लड़कियां, असमिया,कुलि-बंगाली आदि, तिराप-चाङलाङ से चाकमा लड़कियां आदि अरुणाचल के घरों में काम करती हुई पाएं जाते है। इन्हीं कामवालियों को यहां बोनती कहा जाता है। ये शब्द इस प्रदेश में इतनी रूढ़ हो गई है कि यहां के लड़कियों को असमि...
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