संभावना विषय नया हो या पुराना देवेश हर बार नई ज़मीन तलाशते हैं । सवाई सिंह शेखावत पिछले कुछ वर्षों में हिंदी कविता में जिन युवा कवियों ने बड़ी तेजी से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है-उनमें राजगढ़ (अलवर) से अनुज देवेश पथसारिया का नाम महत्वपूर्ण है।देवेश सम्प्रति ताइवान में खगोलशास्त्र में पोस्ट डॉक्टरल फेलो हैं।हिंदी की तमाम नामचीन पत्र-पत्रिकाओं में अनेक बार प्रकाशित होने के अतिरिक्त उनकी कविताएँ डिज़िटल मीडिया के सभी चर्चित ब्लॉग्स पर शाया होती और प्रशंसा बटोरती रही हैं।देवेश के कवि की सबसे बड़ी खूबी यह है उनकी कविताएँ पढ़ते हुए आपको किन्ही ख़ास नई-पुरानी या फिर चर्चा में रहीं समकालीन कविताओं की याद नहीं आती।अपने विषय और प्रस्तुतिगत कौशल में वे सर्वथा अभिनव हैं।नया हो अथवा पुराना किसी भी विषय पर कविताएँ लिखते हुए वे हर बार अपने लिए नई ज़मीन तलाशते हैं। अब यदि इन्ही कविताओं की बात की जाए तो 'उस शाम की बात' शीर्षक कविता में वे ट्रेफ़िक सिग्नल पॉइंट जैसी आकस्...
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