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'द प्लैनेट अर्थ' का लोकार्पण

नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नयी दिल्ली मानव संसाधन विकास मंत्रालय-भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्थान है जो हिन्दी व अंग्रेजी में ज्ञान-विज्ञान और कला-संस्कृति पर भारतीय भाषाओं में लिखी स्तरीय और उत्कृष्ट पुस्तकों को प्रकाशित और वितरित करता है। इसी के साथ नेशनल बुक ट्रस्ट पुस्तक लेखन और पढ़ने की संस्कृति विकसित करने के लिए संवाद व कार्यशालाएं भी आयोजित करता रहा है। बच्चों के लिए ज्ञान-विज्ञान और सृजनशील साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट में अलग से राष्ट्रीय बाल साहित्य केन्द्र स्थापित किया गया है जहां से पाठक-मंच बुलेटिन का नियमित प्रकाशन किया जाता है। नेशनल बुक ट्रस्ट ने हाल के वर्षों में अपनी गतिविधियों को दिल्ली से बाहर विस्तारित किया है। इस क्रम में नये प्रकाशनों के लोकार्पण दिल्ली से बाहर किये जा रहे हैं। ‘द प्लेनेट अर्थ’ का लोकापर्ण 23 अगस्त 2010 को राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी सभागार, जयपुर में किया गया। इस अवसर पर पुस्तक पर चर्चा और प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नेशनल बुक ट्रस्ट और समान्तर के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।

एस.एम.माथुर की लिखी इस पुस्तक पर समाज विज्ञानी प्रो. राजीव गुप्ता ने कहा कि किताब ही एक ऐसी चीज है जो एक तरफ जिज्ञासा शांत करती है, वहीं दूसरी तरफ जिज्ञासा को और बढ़ाती भी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे विज्ञान की पृष्ठभूमि से नहीं है लेकिन उन्हें लगा कि किताब में हर चीज इतने सरल अंदाज से लिखी गयी है जो कि मुझ जैसे गैर वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बिडला तारामंडल जयपुर के सहायक निदेशक डॉ. एस. भट्टाचार्य ने पुस्तक को पृथ्वी ग्रह से जुडी तमाम सूचनाओं का बेहतर संकलन कहा। उनका कहना था कि राजस्थान के किसी किशोर को पुस्तक से निराशा हो सकती है क्योंकि इसमें रेगिस्तान के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया गया है। उन्होंने पुस्तक को भौगोलिक ज्ञान को सुलभ कराने की दिशा में बेहतरीन प्रयास बताया।

‘द प्लेनेट अर्थ’ पुस्तक का लोकार्पण दूरदर्शन केन्द्र, जयपुर के कार्यकारी निदेशक हरीश करमचंदाणी ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दी में भी ऐसी पुस्तकें आनी चाहिए। शुरुआत में नेशनल बुक ट्रस्ट के रीडिंग क्लब के सहायक संपादक देवेन्द्र कुमार ने बताया कि इस पुस्तक के लेखक एस. एम. माथुर मूलतः लखनऊ के हैं। इस पुस्तक में भौतिक तथ्यों के अलावा समुद्र, पहाड़ों, नदियों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी है। उन्होने बताया कि लोगों, विशेषकर बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित हो इसके लिए हम लेखक से मिलिये व पुस्तक प्रदर्शनियों आदि के आयोजन करते रहे हैं। नेशनल बुक ट्रस्ट सार्वजनिक क्षेत्रा का ऐसा उद्यम है जो प्रकाशन के क्षेत्रा में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उभर रहा है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए आरंभ में राजाराम भादू ने बताया कि समान्तर विगत सात वर्षों से सृजन और संस्कृति पर आयोजन करता रहा है। इस कार्यक्रम से हम अपनी परिधि का विस्तार करते हुए ज्ञान-विज्ञान को भी विमर्श के दायरे में ला रहे हैं। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि जयपुर में पहली बार नेशनल बुक ट्रस्ट का ऐसा आयोजन हो रहा है। यह सिलसिला आगे बढ़ना चाहिए। ‘द प्लेनेट अर्थ’ को आधार बना कर एक प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया जिसमें संभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रश्नोत्तरी के सभी संभागियों को उपहार स्वरुप पुस्तकें वितरित की गयीं। (मीमांसा)

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